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US B-2 Stealth Bombers: B-2 बॉम्बर बनाने में इस भारतीय का हाथ, कोडनेम- ब्लूबेरी मिल्कशेक, अमेरिका ने फिर क्यों सुनाई 32 साल की सजा?

भारतीय इंजीनियर शेरियारजी गोवाडिया ने  B-2 स्टील्थ बॉम्बर की प्रोपल्शन सिस्टम यानी इंजन की डिजाइनिंग में मुख्य भूमिका निभाई है.

Who Is Sherarji Gowadia Built US B-2 Stealth Bombers: अमेरिका का B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स एक बेहद ही खास हथियार है. हालांकि, इसको बनाने के पीछे एक भारतीय शख्स का हाथ है, जो मुंबई के एक पारसी परिवार में पैदा हुआ था. इस शख्स का नाम नोशिर शेरियारजी गोवाडिया है, जो 11 अप्रैल 1944 को एक पारसी परिवार में बंबई (अब मुंबई) में हुआ था. वह बेहद प्रतिभाशाली थे. उन्होंने महज 15 साल की उम्र में पीएचडी के समकक्ष डिग्री हासिल कर ली थी. 19 की उम्र में अमेरिका का रुख किया और वहां एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. 1969 में वे अमेरिका के नागरिक बने और अगले ही साल नॉर्थ्रॉप कॉरपोरेशन से जुड़ गए.

नोशिर शेरियारजी गोवाडिया ने  B-2 स्टील्थ बॉम्बर की प्रोपल्शन सिस्टम यानी इंजन की डिजाइनिंग में मुख्य भूमिका निभाई है. रडार और इंफ्रारेड से अदृश्य रहने वाली तकनीक को तैयार करने में अहम रोल अदा किया है. उनका कोडनेम ब्लूबेरी मिल्कशेक था. 1981 में नॉर्थ्रॉप को B-2 बॉम्बर का कॉन्ट्रैक्ट मिला. इसका उद्देश्य था एक ऐसा विमान बनाना, जिसे रडार, इन्फ्रारेड और विजुअल सेंसिंग से बचाया जा सके. गोवाडिया का डिजाइन दृश्य, इंफ्रारेड और रडार हस्ताक्षरों को कम से कम शो करता था. यह एक टेक्नोलॉजिकल मिरैकल था, जो अब भी दुनिया के सबसे घातक विमानों में गिना जाता है. उनके इस योगदान ने उन्हें टॉप लेवल क्लासिफाइड क्लीयरेंस, CIA और लॉस एलामोस जैसी संस्थाओं के साथ काम दिया. उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रक्षा सलाहकार के रूप में पहचान दिलाई.

डिफेंस कंसल्टेंट कंपनी की शुरुआत

1990 के दशक में गोवाडिया ने नॉर्थ्रॉप छोड़ दिया और अपनी डिफेंस कंसल्टेंट कंपनी शुरू की, लेकिन बढ़ते खर्च और कम होते प्रोजेक्ट्स के कारण उन्होंने चीन सहित अन्य देशों से संपर्क शुरू किया. उन्होंने तीन बार चीन की यात्रा भी की. B-2 की इंजन सिस्टम से संबंधित स्टील्थ टेक्नोलॉजी साझा की. चीन ने इसका इस्तेमाल क्रूज मिसाइलों के इंजन आउटलेट सिस्टम बनाने में किया. गोवाडिया को इसके लिए सिर्फ $110,000 (लगभग ₹90 लाख) मिले. 2005 में जब अमेरिकी उपग्रहों ने चीनी एयरबेस पर B-2 जैसे ड्रोन देखे तो शक यकीन में बदल गया.

गिरफ्तारी,कबूलनामा और देशद्रोह की सजा
13 अक्टूबर 2005, FBI एजेंट उनके घर पहुंचे और आखिर में गोवाडिया को  26 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने 22 अक्टूबर को लिखा कि मैंने जो किया वह गलत था. मैंने PRC को क्रूज मिसाइल तकनीक दी. यह जासूसी और देशद्रोह था.  कुल 14 मामलों में दोषी ठहराया गया, जिनमें Espionage Act और Arms Export Control Act शामिल थे. 24 जनवरी 2011 को उन्हें 32 साल की जेल की सजा सुनाई गई.

बॉम्बर्स ने ईरान पर हमला किया
22 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान की परमाणु साइट्स पर B-2 बॉम्बर से बंकर बस्टर बम गिराए. वहीं B-2 को बनाने में अहम भूमिका निभाने वाला नोशिर गोवाडिया फ्लोरेंस, कोलोराडो की जेल में बैठा है. वह अमेरिका के लिए एक असाधारण प्रतिभा साबित हुआ. उसकी गद्दारी चीन के लिए एक ‘सोने की खान और इतिहास के लिए एक ट्रेजेडी बनकर रह गई है.

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