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‘सेंसिटिव मैटर, हर संभव मदद मुहैया करा रही सरकार’, केरल की नर्स निमिषा प्रिया मामले पर क्या बोला विदेश मंत्रालय?

Nimisha Priya Case: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की यमन में होने वाली फांसी फिलहाल टाल दी गई है. भारत सरकार की राजनयिक कोशिशों और समझौते की संभावनाओं के चलते यह फैसला आया.

Nimisha Priya Case: भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने पुष्टि की है कि यमन में फांसी की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की सजा को स्थगित कर दिया गया है. यह निर्णय भारत की हालिया राजनयिक प्रयासों और दोनों पक्षों के बीच समझौते की संभावनाओं को देखते हुए लिया गया है.

भारत सरकार लगातार कर रही है मदद
विदेश मंत्रालय ने कहा, यह मामला बेहद संवेदनशील है और भारत सरकार इसमें हरसंभव मदद कर रही है. सरकार ने निमिषा की कानूनी मदद के लिए वकील की नियुक्ति, नियमित कांसुलर विज़िट्स और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा है.

मंत्रालय ने कहा कि हाल के दिनों में किए गए प्रयासों से निमिषा प्रिया के परिजनों को समझौते के लिए समय मिल पाया और इसी के चलते 16 जुलाई, 2025 को होने वाली फांसी फिलहाल टाल दी गई है.

अभी भी बनी हुई हैं चुनौतियां
हालांकि राहत मिली है, लेकिन गंभीर चुनौतियां अब भी बाकी हैं. विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत अन्य मैत्रीपूर्ण देशों के संपर्क में भी है और मामले की लगातार निगरानी कर रहा है.

कौन हैं निमिषा प्रिया?
निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली एक नर्स हैं, जो 2008 में नौकरी के लिए यमन गई थीं. कुछ वर्षों बाद उन्होंने वहां अपना खुद का क्लिनिक शुरू किया. 2017 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था, जब उन पर अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो मेहदी की हत्या का आरोप लगा. जांच में कहा गया कि निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए उसे नींद की दवा देने की कोशिश की लेकिन उसकी मौत हो गई.

2018 में उन्हें दोषी ठहराया गया. 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में यमन के सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने इस फैसले को बरकरार रखा. हालांकि माफी का विकल्प खुला रखा गया था.

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