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इटावा में कथावाचक से मारपीट और जाति को लेकर विवाद पर उमा भारती का बड़ा बयान, ‘ये यादव बनाम ब्राह्मण का…’

Etawah Yadav Kathavachak: इटावा में 21 जून को कथावाचक मुकुट मणि और आचार्य संत सिंह कथा वाचन कर रहे थे. कुछ लोगों ने की जाति को लेकर आपत्ति जताई थी और काफी हंगामा हुआ था. इस पर उमा भारती का बयान आया है.

Etawah Katha Vachak News: उत्तर प्रदेश के इटावा में 21 जून को कथावाचकों मुकुट मणि यादव और संत कुमार यादव के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था. साथ ही उनकी जाति को लेकर भी विवाद जारी है. अब इस मामले पर बीजेपी नेता उमा भारती की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण खुद यादव थे, भगवान राम क्षत्रिय थे, तो ये यादव बनाम ब्राह्मण का मुद्दा नहीं है. मुझे शक है कि ये राजनीतिक साजिश है.

उमा भारती ने आगे कहा, “ब्राह्मणों का हमेशा उदार दिल रहा है. हल्के-फुल्के लोग होंगे, जो विरोध कर रहे होंगे, लेकिन संत का विरोध में बयान बयान नहीं आया है. पता नहीं इस विवाद को किसने शुरू किया. मुझे लगता है कि पूरा प्रायोजन हुआ है. इसकी विशेषज्ञता पहले अरविंद केजरीवाल के पास थी. ये जो लड़ाई कर रहे हैं, ये बहुत सामान्य लोग कर रहे हैं.”

 

क्या है पूरा विवाद?

बता दें कि इटावा के कथावाचक अपमान केस में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. इटावा पुलिस ने दोनों कथावाचकों के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने के मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत सिंह यादव के खिलाफ ये मुकदमा इटावा के बकेवर थाने में दर्ज किया है.

दरअसल, इटावा के बकेवर इलाके में स्थित दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान जाति छुपाने के मुद्दे पर 21 जून को दोनों कथावाचकों की पिटाई की गई थी. इस दौरान उनके बाल भी काट दिए गए थे. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया था.

हालांकि, इस मामले में सियासत तेज होने के बाद दोनों कथावाचकों पर फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने का आरोप लगा था. इस मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड मिले हैं, जिन पर दो अलग-अलग नाम हैं. इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले में जांच शुरू कर दी है.

अखिलेश यादव का भी आया था बयान

कथावाचकों के साथ हुई अभद्रता को लेकर सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने एक्स अकाउंट पर लिखा था, “इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई.”

उन्होंने आगे लिखा, “हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध किया गया अपराध है. सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए. अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे.”

इसके बाद, दोनों कथावाचकों ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी.

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