
उत्तर प्रदेश में बहराइच के ग्रामीण इलाकों में वन्यजीवों के हमले इतने बढ़ गए हैं कि अब मच्छरदानी में भी ग्रामीण नहीं सुरक्षित है। एक बुजुर्ग किसान गर्मी के कारण घर के बरामदे में सो रहे थे। तभी देर रात तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। लेकिन गनीमत इतनी थी कि फौरन लोग दौड़ पड़े जिससे उनकी जान बच गई।
जानकारी के मुताबिक कतर्निया घाट वन्य जीव प्रभाग से सटे गांव बनकटी में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन उनके हमले में ग्रामीणों की जान चली जाती है। इसी गांव के निवासी बलदेव सिंह मच्छरदानी लगाकर घर में सो रहे थे। इसी दौरान अचानक घर में घुसे तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। हमले के दौरान बलदेव सिंह तेंदुए से भिड़ गए और शोर मचाने लगे। उनका शोर सुनकर घर के लोग और ग्रामीणों ने हांका लगाना शुरू किया तो तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।
अस्पताल में इलाज जारी
घायल बलदेव सिंह को स्थानीय अस्पताल मिहीपुरवा ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने बताया कि तेंदुए के हमले से शरीर पर कई जगह जख्म हैं। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना पर पहुंचे वन विभाग के दरोगा राघवेंद्र कुमार गौतम ने घायल बलदेव को तत्काल एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की और ग्रामीणों को तेंदुए के पकड़ने का आश्वासन दिया।
1 साल में 44 लोग घायल
बता दें कि इस वर्ष ग्रामीण इलाको से 20 तेंदुए पकड़े जा चुके है। जिन्हें ट्रान्स गेरूआ के इलाके में छोड़ा गया है। उसके बाद भी घटनाए इस लिए नहीं कम हो रही हैं क्योंकि वन विभाग का कहना है कि 100 अधिक तेंदुए ग्रामीण इलाकों में अपना स्थाई निवास बना चुके हैं। उन्हें जंगल की जगह यहां पर गन्ने के खेत मिल जाते है। भोजन के लिए बकरी, कुत्ते और खरगोश से उनका काम चल जाता है। वन विभाग के जारी आकड़े के अनुसार वन्यजीवों के हमलों से एक साल में 11 मौत हो गई थी। वहीं 44 लोग घायल हो गए थे।